50 साल पहले जन्में लोगों के प्रमाण पत्र बनाने पर महापौर ने लगायी फटकार
जन्म मृत्यु प्रमाण पत्र विभाग का महापौर ने किया आकस्मिक निरीक्षण
रिपोर्ट अमान उल्ला खान
सहारनपुर- महापौर डॉ. अजय कुमार ने आज अपर नगरायुक्त मृत्युंजय को साथ लेकर जन्म-मृत्यु प्रमाण विभाग का औचक निरीक्षण किया। उन्होंने प्रमाणपत्र बनवाने आये अनेक लोगों से भी बात की और रजिस्टरों व कम्पयूटर पर भी प्रमाण पत्र निर्गत किये जाने के रिकॉर्ड का निरीक्षण किया। रजिस्टरों में खाली पेज छोडे़ जाने व सीरियल नंबरों के मेल न खाने पर उन्होंने गहरी नाराजगी जताते हुए सम्बंधित बाबू को जमकर फटकार लगायी। उन्होंने इस बात पर कड़ी आपत्ति जतायी कि एक क्षेत्र विशेष के 50-60 साल पहले जन्में लोगों के जन्म प्रमाण पत्र बनवाने में मदद की जा रही है। उन्होंने अपर नगरायुक्त व जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र के वरिष्ठ प्रभारी मृत्युंजय को सम्बंधित बाबू व अन्य दोषी कर्मचारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने तथा गत पांच वर्ष की फाइलों का ऑडिट कराने के निर्देश दिए।
महापौर डॉ. अजय कुमार आज दोपहर आकस्मिक निरीक्षण के लिए जन्म-मृत्यु प्रमाण विभाग पहुंचे और प्रमाण पत्र बनवाने आए लोगों से उनके आने का कारण पूछा। दो लोगों ने बताया कि वे जन्म प्रमाण पत्र बनवाने आए हैं। पूछने पर एक व्यक्ति ने बताया कि उसका जन्म 1972 का है, एक अन्य दूसरे व्यक्ति ने भी 2008 में जन्में बच्चे का प्रमाण पत्र बनवाने के लिए ऑन लाइन आवेदन की जानकारी दी। महापौर ने उक्त लोगों से पूछा कि आखिर अब उन्हें जन्म प्रमाण पत्र की क्या जरुरत पड़ रही है, और अब तक क्यों नहीं बनवाया ? इस पर महापौर ने डिस्पैच रजिस्टर व मुख्य रजिस्टरों की जांच की। महापौर ने पाया कि रजिस्टरों में नंबर डालकर खाली छोडे़ गए है तथा पेज भी खाली छोडे़ गए हैं। उन्होंने निरीक्षण में पाया कि एक क्षेत्र विशेष के वर्ष 1966, 1967 व 1968 में जन्में लोगों के जन्म प्रमाण पत्र भी बनाये गए हैं। उन्होंने संबधित बाबू से जानकारी मांगी तो उसने बताया कि उक्त प्रमाण पत्र अन्य दो कर्मचारियों ( जिन्हें पहले ही हटाया जा चुका है) द्वारा बनाये गए हैं। महापौर ने तीन पुरानी फाइलों के नंबर देकर फाइल दिखाने को कहा। लेकिन ऑफिस के कर्मचारी उक्त फाइलें नहीं दिखा पाये। इस पर महापौर ने कड़ी नाराजगी जताते हुए कहा कि यह सब सरासर धांधली है, और वे उनके खिलाफ कार्रवाई कराते हुए उन्हें जेल भिजवाएंेगे। उन्होंने संबधित बाबू को कड़ी फटकार लगायी। महापौर ने कम्पयूटर पर भी रिकॉर्ड की जांच की। महापौर ने रजिस्टर में पेज खाली छोडे़ जाने, सीरियल नंबर का मिलान न होने, मांगने पर पत्रावलियां न दिखाने के लिए सम्बंधित बाबू व अन्य कर्मचारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए। उन्होंने गत पांच वर्ष की फाइलों का ऑडिट कराने के भी निर्देश अपर नगरायुक्त को दिए।

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