बीआरसी पर आयोजित की गई दिव्यांग बच्चों के अभिभावकों की पैरेंट काउंसलिंग।
रिपोर्ट नदीम निजामी
नकुड़-राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के लक्ष्यों को पूरा करने व अखिल भारतीय शिक्षा समागम 2025 के तहत समावेशी शिक्षा को बढ़ावा देने के उद्देश्य से बीआरसी पर दिव्यांग बच्चों के अभिभावकों की पैरेंट काउंसलिंग आयोजित की गई।
गुरुवार को कार्यक्रम में कुल 50 अभिभावकों ने भाग लिया जिनमें 30 महिलाएं और 20 पुरुष शामिल रहे। अध्यक्षता प्राथमिक विद्यालय नंबर 2 के प्रधानाध्यापक सुशील कुमार ने करते हुए कहा कि दिव्यांग बच्चे बोझ नहीं, बल्कि अनदेखी क्षमता का भंडार हैं। अगर उन्हें सही वातावरण, मार्गदर्शन मिले तो वे भी समाज की मुख्यधारा में मजबूती से खड़े हो सकते हैं। सुशील कुमार ने अभिभावकों से बच्चों की जरूरतों को समझकर उन्हें नियमित रूप से प्रोत्साहित करने और शिक्षा से जोड़ने की अपील की।कार्यक्रम में संदर्भ दाता के रूप में चंद्रमणि रोहिला व कमलेश कुमार यादव मौजूद रहे। जिन्होंने अभिभावकों को दिव्यांग बच्चों की देखभाल थेरेपी तथा व्यवहारिक सहयोग के तरीकों पर उपयोगी सुझाव दिए। बीआरसी स्टाफ के अंकुर कुमार और लिपिक ललित कुमार ने भी सक्रिय भूमिका निभाई। कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य अभिभावकों को जागरूक कर दिव्यांग बच्चों के लिए समान शैक्षिक अवसर सुनिश्चित करना तथा उनके भविष्य को बेहतर दिशा देना रहा।
0 टिप्पणियाँ