जनपद के वैश्विक स्तर पर पंहुचने की व्याप्त है अपार संभावना - डीएम
जिलाधिकारी श्री अखिलेश सिंह की अध्यक्षता में भवन सभागार में सुशासन सप्ताह प्रशासन गांव की ओर के संबंध में शासन के उच्च निर्देशों के क्रम में जनपद स्तरीय कार्यशाला आयोजित की गयी।
इस कार्यशाला का उद्देश्य जनपद के विकास हेतु सभी विभागों द्वारा विजन 2047 के दृष्टिगत किये जाने वाले कार्यों को पीपीटी के माध्यम से प्रस्तुत करते हुए सभी विभागों से समन्वय स्थापित कर जनपद को विश्व स्तरीय शहरों में शामिल करना है।
कार्यशाला में जिलाधिकारी ने सभी जनपद स्तरीय अधिकारियों को संबोधित करते हुए कहा कि हम सब सौभाग्यशाली है कि हमें जनसामान्य की सेवा करने का अवसर प्राप्त हुआ। इस कार्यशाला के द्वारा न केवल तकनीकी रूप से जनपद को समृद्ध करना है बल्कि व्यवहारिक और भावनात्मक रूप से जनपदवासियों को एक परिवार समझते हुए उनकी समस्याओं का निस्तारण करना है। साथ ही साथ उन्होने कहा कि शिक्षा और स्वास्थ्य की बेहतर उपलब्धता से ही जन सामान्य की प्रगति संभव है। सभी अधिकारी अपने बेहतर अनुभव को क्रियान्वित करें। इस कार्यशाला का मूल उद्देश्य आपको सोचने के लिए मजबूर करते हुए मानसिक सुदृढता लाना है।
कार्यशाला में शिक्षा, खाद्य सुरक्षा, स्वास्थ्य, सामाजिक सुरक्षा, दिव्यांगजन सुरक्षा, शुद्ध पेयजल, औद्योगिक विकास, कृषि, सिंचाई, ऊर्जा, रोजगार, जल संरक्षण, कौशल विकास, प्रदूषण नियंत्रण, बैंकिंग, राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन द्वारा विजन 2047 के दृष्टिगत पीपीटी प्रदर्शित की गयी। इस प्रदर्शन के दौरान पिछले एक वर्ष में जनपद की उपलब्धि को प्रदर्शित किया गया। इसमें जल संरक्षण के क्षेत्र में 0.71 मीटर जल स्तर का बढना, 1.36 प्रतिशत वन क्षेत्र का बढना, सहंत्रा नदी एवं कृष्णी नदी से अतिक्रमण हटाने तथा निर्मल जल की मात्रा बढाने, राजस्व विभाग द्वारा कब्जा मुक्त भूमि में 39 तालाबों का निर्माण करने तथा प्रदूषण मुक्ति के लिए उद्योगों में ई0टी0पी0 लगवाने, वन क्षेत्र में वृद्धि के लिए सीडवॉल का छिडकाव एवं ई-पाठशाला द्वारा जल संरक्षण में संवेदीकरण के कार्य से अवगत कराया गया तथा आजादी के शताब्दी वर्ष में जनपद में किये जाने वाले कार्यों की भविष्य कार्ययोजना विजन 2047 के द्वारा प्रस्तुत की गयी।
इस कार्ययोजना में संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा दिये गये सतत् विकास लक्ष्यों, कोप-15 एवं समय-समय पर होने वाले अन्तर्राष्ट्रीय सम्मेलनों तथा माननीय प्रधानमंत्री जी एवं मुख्यमंत्री जी के सपनों को साकार करने तथा जनपद की आबादी 2047 तक लगभग 60 लाख होने के लिए SWOT रणनीति (स्ट्रैंथ, वीकनैस, अपॉरचूनिटी, थ्रेट) को ध्यान में रखा गया।
पंचायती राज विभाग द्वारा शहरों की ओर पलायन रोकने एवं गांव का विकास करने, गांवों को सीसीटीवी कैमरों से युक्त करने, ई-लाइब्रेरी एवं पिकनिक स्पॉट बनाने, पर्यावरण ऊर्जा द्वारा थ्री आर (रिडयूज, रिसाईकिल, रियूज) तंत्र विकसित करने, रोजगार कार्यालय द्वारा ग्राम पंचायतों के पंरपरागत क्षेत्रों में स्टार्टअप को बढावा देने, उद्योग विभाग द्वारा एडवांटेज सहारनपुर फोकस एरिया विनिर्माण, फार्मास्यूटिकल्स, कृषि व्यवसाय, खाद्य प्रसंस्करण, पर्यटन और नागरिक उड्डयन, सूचना प्रोद्योगिकी और इलेक्ट्रोनिक्स, विभिन्न उद्योगों के कलस्टर विकसित करने, निवेश को प्रोत्साहित करने, विशिष्ट विनिर्माण पार्क, चिकित्सा विभाग द्वारा चिकित्सा उपकरण पार्क विकसित करने, सिंचाई विभाग द्वारा आपदा हेतु सुरक्षात्मक उपाय कराये जाने, ग्रामों की कनेक्टिविटी के लिए तटबंधों का निर्माण करने, जल संरक्षण विभाग द्वारा सूक्ष्म सिंचाई पद्धति का उपयोग करने, जन जागरूकता बढाने, सामाजिक गतिशीलता एवं क्षमता विकास करने, वित्तीय समावेशन को बढावा देने, कृषि विभाग द्वारा कृषि के क्षेत्र का विस्तार होरिजोंटल की जगह कृषि क्षेत्र की ऊंचाई वर्टिकल में कृषि पद्धति अपनाकर उत्पादन बढाए जाने, प्राकृतिक खेती, ड्रिप सिंचाई, कृषि पर्यटन, बागवानी कृषि को बढावा देने, बेसिक शिक्षा विभाग द्वारा शत-प्रतिशत साक्षरता एवं तकनीकी रूप से बालकों को मजबूत करने, समाज कल्याण विभाग द्वारा नई समस्याओं के दृष्टिगत योजना बनाने, दिव्यांगजन को सशक्त करने, बैंक विभाग द्वारा भुगतान एवं ऋण का डिजिटलाईजेशन, कौशल विकास द्वारा बढ रही आवश्यकताओं के अनुरूप मानव शक्ति को विकसित करने एवं नवीनीकरण ऊर्जा को बढावा देने के संदर्भ में सुझाव एवं आने वाली समस्याओं तथा उसके निस्तारण पर विस्तृत रूप से बताया गया।
मुख्य विकास अधिकारी विजय कुमार ने विजन -2047 के उद्देश्य बताते हुए कहा कि जनपद सहारनपुर को सामाजिक, आर्थिक एंव सांस्कृतिक हब बनाना है। जनपदवासियों के सर्वाेत्तम जीवन स्तर को प्राप्त करने के लिये अनुकूल वातावरण का निर्माण करना है। उन्होंने कहा कि आर्थिक, सामाजिक एंव पर्यावरण के क्षेत्र में सहारनपुर को विकसित करते हुये एक स्थायी दृष्टिकोण बनाना, हिंडन नदी और उसके परिस्थितिकी तंत्र जैसे प्रकृति और प्राकृतिक संसाधनो का संरक्षण करना एवं कौशल विकास और उद्यमिता को बढावा देना जिससे रोजगार सृजन के अवसर प्राप्त हो सकें। उन्होने कहा कि शहर सहारनपुर वैश्विक शहरों की श्रेणी में सर्वोच्चता के शिखर पर हो यह हमारा सपना है इसके लिए सभी अधिकारीगण निरंतर नवाचार करते हुए कार्ययोजना बनाते रहें।
कार्यशाला में जिला पंचायती राज अधिकारी श्री आलोक शर्मा, अर्थ एवं संख्या अधिकारी श्री अमित कुमार सहित संबंधित विभागों के समस्त जनपद स्तरीय एवं खण्ड विकास स्तरीय अधिकारी उपस्थित रहे।
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