अनुवाँशिक रोगों से गर्भस्थ शिशु के बचाव पर कार्यशाला आयोजित
सहारनपुर की स्त्री रोग एवं प्रसूति विशेषज्ञयों की संस्था सहारनपुर ऑब्स एवं गायनी सोसाइटी एवं देश की प्रसिद्ध जेनेटिक्स लैब लाइफसैल के संयुक्त तत्वाधान मे गर्भवस्था के दौरान जेनेटिक्स के किस समय कौन कौन से टैस्ट करवा क़र गर्भ मे पल रहे बच्चे को हो सकने वाली अनुवाँशिक बीमारी का समय से इलाज करके बचाया जा सकता है
लाइफ सैल लैब की और से विशेष तौर पर पधारी देश की प्रसिद्ध जेनेटिक्स स्पेशलीस्ट डा आराधना द्विवेदी ने बताया कि थेलेसीमिया, हीमोफिलिया, एनीमिया, सिस्टिक फाइबरोसीस, डाउन सिण्ड्रोम इस प्रकार के अनुवाँशिक रोग हैँ जिससे गर्भ के बच्चे को असर पड़ सकता है, उन्होंने बताया कि इसके लिए समय समय पर लेवल 1 लेवल 2 के अल्ट्रासॉउन्ड, कलर डाप्लर के अलावा एन आई पी टी, माइक्रो ऐरे,ड्यूल मारकर,एन गी एस, कैरियोटाइपिंग, क्वार्डप्ल मार्कर, एच बी इलेक्ट्रॉफोरोसीस आदि इस प्रकार के ब्लड टैस्ट हैँ जिनसे गर्भ के बच्चे को हो सकने वाली बीमारी का पता चल जाता है और समय रहते उसका इलाज करके सही स्वस्थ शिशु का जन्म कराया जा सकता है उन्होंने बताया कि लाइफ सैल इंटरनेशनल लैब द्वारा सहारनपुर की दो लैब्स पब्लिक पैथोलॉजी और कुमार पैथोलॉजी को सम्भधित स्पेशल ब्लड जांचो को कलेक्ट करवा के लाइफ सैल लैब मे भेजनें के लिए अधिकृत किया गया हैइस मौके पर लाइफ सैल कम्पनी से अभिलाष नौटियाल, रोबिन धीमान, पब्लिक डाइग्नोसटिक्स से रमन जोत कौर, एम पी सिंह चावला,सहारनपुर ऑब्स एन्ड गायनी सोसाइटी से डा मीनल गोयल, डा अनुपम यादव, डा रेनू सिंघल, डा पूनम त्यागी, डा नूतन उपाध्याय,डा दीपा अनेजा,डा नीलम गर्ग, डा विनीता मल्होत्रा, डा गुनीता जैन, डा रेखा मराठा, डा अनु श्री, डा पूनम कुमार, डा गीता खन्ना, डा ममता चावला एवं डा रीतू जैन उपस्थित रही
रिपोर्ट -अमान उल्ला खान
0 टिप्पणियाँ