हज़रत क़ासिम अलैहिस्सलाम की शाहदत की याद मे निकाला गया मातमी जुलूस
रिपोर्ट अमान उल्ला खान
सहारनपुर - हज़रत इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम के भतीजे व हज़रत इमाम हसन अलैहिस्सलाम के बेटे हज़रत क़ासिम अलैहिस्सलाम की शाहदत की याद मे मातमी जुलूस नगर में निकाला गया।
हज़रत इमाम हसन अलैहिस्सलाम ने अपनी जिन्दगी में हज़रत कासिम अलैहिस्सलाम के बाज़ू पर एक ताबिज़ बांघ दिया था और वसीयत की थी की जब हज़रत इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम हज़रत कासिम अलैहिस्सलाम को जंग लडने की इजाज़त न दे तब यह ताबीज़ हज़रत इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम को दिखा देना तब हज़रत इमाम हुसैन इजाज़त दे देगे। मैदाने करबला मे हज़रत इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम ने अपने भाई की निशानी को जंग लडने की इजाज़त नही दी तब हज़रत कासिम अलैहिस्सलाम ने इज़ाजत मागने के लिए हज़रत इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम को वह ताबीज़ दिखाया तो उसमे हज़रत इमाम हसन अलैहिस्सलाम की वसीयत देख कर हज़रत कासिम अलैहिस्सलाम को जंग की इजाज़त दी और हज़रत कासिम अलैहिस्सलाम ने इस्लाम की पनाह के लिए मैदाने करबला मे शहादत दी। उन्ही की याद मे मोहर्रम की 7 तारीख को मन्सूब कर दिया गया है। हज़रत कासिम अलैहिस्सलाम की लाश को यज़ीद के लश्कर द्वारा घोडो की टापो से रौंदा गया। करबला के शहीद हज़रत कासिम अलैहिस्सलाम की याद मे 7 मोहर्रम का जुलूस मातमी माहौल मे पूरी अकीदत के साथ निकाला गया करबला मे 7 मोहर्रम से हज़रत इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम के काफले का पानी बन्द कर दिया गया था करबला मे मौजूद जानवर, कुफ्फार, खुंखार दरिंदे सब पानी पी सकते थे लेकिन हज़रत इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम के काफिले वाले पानी नही पी सकते थे । जब कि हज़रत इमाम हुसैन के काफिले मे छः माह के बच्चे से लेकर 90 साल के बुढे औरते सभी थे। तपती रेगिस्थान मे 3 दिन तक सभी को भूखा प्यासा रखा गया और 10 मोहर्रम को हज़रत इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम व 72 अफ्राद को भूखा प्यासा शहीद कर दिया गया। करबला के शहीद हज़रत कासिम अलैहिस्सलाम की याद मे निकाले गया जुलूस मौहल्ला जाफर नवाज़ स्थित बडी इमाम बारगाह से शुरू होकर आर्य कन्या, इण्टर कालेज मटिया महल, मोर गंज, भगत सिह चौक, बडतला यादगार दीनानाथ बाज़ार, पुराना बजाजा, सर्राफा बाज़ार, नखासा बाज़ार, चौक मुत्रीबान से होता हुआ छोटी इमाम बारगाह अन्सारियान पहुचकर कुछ देर रूकने के बाद जूलुस वापिस चला जो बडतला अन्सारियान, मौहल्ला संज्ञान, गौरी शंकर बाजार, मस्जिद शेख फारूख, नया बाज़ार, जामा मस्जिद कला, पुल सब्ज़ी मण्डी, होता हुआ बडी इमाम बारगाह जाफर नवाज़ पहुच कर सम्पन्न हुआ
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