भारत के संविधान के मुताबिक देश के हर नागरिक को समान अधिकार चाहिए मिलना -दानिश सिद्धिकी
भारत के संविधान के मुताबिक देश के हर नागरिक को समान अधिकार मिलने चाहिए। चाहे वह किसी भी जाति धर्म भाषा या समुदाय का हो। देश के संविधान के तहत अल्पसंख्यकों की सुरक्षा का भी प्रावधान है। उन्होंने कहा कि आज समय बदल गया है, माहौल बदल गया है, देश का मिजाज़ बदल गया है। भारत सांप्रदायिकता के अभिशाप को कुचलकर समावेशी सशक्तिकरण का ध्वजवाहक बन गया है।क्योंकि मोदी-योगी युग ने सुनिश्चित किया है कि ’अमर, अब्दुल, एंथोनी’ समान भागीदार बनें। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार में ’विश्वास के साथ विकास’ के सकारात्मक माहौल से बहुसंख्यक समुदायों के साथ-साथ अल्पसंख्यक समुदायों को भी समान रूप से लाभ हुआ है। केंद्र और राज्य सरकार अल्पसंख्यक वर्ग के कल्याण व उत्थान के लिए कार्य कर रही हैं पहले की सरकारों द्वारा सिर्फ वोट लेने के लिए अल्पसंख्यक समाज के साथ खिलवाड़ किया जाता था। अब देश में अल्पसंख्यक समाज का प्राथमिकता से विकास कर उसे आगे बढ़ाने और शिक्षित व सशक्त करने का कार्य किया जा रहा है। इस दौरान अरशद रहमानी, मौ.अब्बास,गौरव जैन, आशुतोष, राफे सिद्दीकी,जमशेद अली आदि ने विचार व्यक्त किये।

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