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राजनीतिक लाभ के लिए ऐसे संवेदनशील मामले के आरोपियों को नहीं छोड़ा जाना चाहिए था-अज़ीम

राजनीतिक लाभ के लिए ऐसे संवेदनशील मामले के आरोपियों को नहीं छोड़ा जाना चाहिए था-अज़ीम 

अदालतें मज़लूम कमज़ोर लोगों के लिए न्याय का मंदिर-श्रीमती श्वेता सैनी

रिपोर्ट -डॉ0 ताहिर मलिक

रामपुर मनिहारान-गुजरात  मामले में सुप्रीम कोर्ट के निर्णय की प्रशंसा करते कांग्रेस नेत्री व कांग्रेस नगर अध्यक्ष ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने सही निर्णय दिया है जिससे आम जनता का विश्वास क़ायम रहा है।

गुजरात की एक महिला साथ किए गए सामुहिक दुष्कर्म व अन्य लोगों की हत्याओं के मामले में गुजरात सरकार द्वारा रिहा किए आरोपियों को सुप्रीम कोर्ट ने वापस जेल भेजने का निर्णय सुनाया है।कांग्रेस की पीसीसी सदस्या श्रीमती श्वेता सैनी ने कहा कि गुजरात की उस महिला ने बहुत दुख उठाया है।उस पर ज़ुल्म करने वालों को रिहा किया जाना सही निर्णय नहीं था।अब सुप्रीम कोर्ट ने उन आरोपियों को वापस जेल भेजने का निर्णय देकर साबित किया है कि किसी के साथ भी अन्याय नहीं किया जा सकता।इससे न केवल पीड़िता बल्कि सभी इंसाफ पसंद लोगों का न्यायपालिका पर भरोसा बढ़ा है।कांग्रेस नगर अध्यक्ष अज़ीम मलिक ने कहा कि राजनीतिक लाभ के लिए ऐसे संवेदनशील मामले के आरोपियों को नहीं छोड़ा जाना चाहिए था।सुप्रीम कोर्ट के फैसले से स्पष्ट हो गया है कि पीड़ित के साथ नाइंसाफी नहीं की जा सकती।उन्होंने कहा कि अदालतें मज़लूम कमज़ोर लोगों के लिए न्याय का मंदिर हैं जहाँ पीड़ित को न्याय और ज़ुल्म करने वालों को सज़ा मिलेगी।

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