स्पिक मैके एवं सहारनपुर जिला प्रशासन के संयुक्त तत्वावधान में उस्ताद ज़ाकिर हुसैन जी को दी श्रद्धांजलि
रिपोर्ट अमान उल्ला खान
सहारनपुर-स्पिक मैके एवं सहारनपुर जिला प्रशासन के संयुक्त तत्वावधान में उस्ताद ज़ाकिर हुसैन जी को श्रद्धांजलि देने के लिए सेठ गंगा प्रसाद महेशवरी ,जनमंच सभागार मे सरोद वादन का कार्यक्रम आयोजित किया गया।
सर्वप्रथम ज़ाकिर जी की तस्वीर पर पुष्प अर्जित करते हुए कैंडल लाइट द्वारा डी एम मनीष बंसल, सी डी ओ सुमित महाजन, डी पी एस की आदेश सिसोदिया, स्मॉल वंडरस की सविता मखीजा, एस पी एस के सुधीर जोशी प्रधानाचार्य द्वारा श्रद्धांजलि अर्पित की गयी। सर्वप्रथम स्पर्श संस्था की श्रद्धांजलि प्रस्तुति मे डी पी एस एवम स्मॉल वंडरस के छात्र- छात्राओ द्वारा सरोद, सारंगी,संतूर, बांसुरी,सितार, एवम हरमोनियम वाद्यो को बजाते हुए राग यमन की गत बजाते हुए भावभीनी प्रस्तुति दी तबले पर इकबाल हुसैन ने संगत की। उस्ताद ज़ाकिर हुसैन जी के जीवन एवम अहम पहलुओ को याद करते हुए एक डॉक्यूमेंटरी दिखाई गयी। जब कलकता से पधारे पंडित पार्थो सारथी जी ने सरोद पर राग किरवानी छेड़ा तो जनमंच का पूर्ण वातावरण सुरमय हो गया और श्रोताओं ने जम कर राग आनंद लिया उनके साथ तबले पर आशीश पॉल ने शानदार संगत की। डी एम मनीष बंसल ने भी जम कर इस प्रयास की तारीफ की और शास्त्रीय संगीत के पुरोधा ज़ाकिर हुसैन जी के लिए बोलते हुए कहा कि ज़ाकिर जी तबले का पर्याय बन चुके थे उन्हे हम एक छोटी सी संगीतमयी श्रधांजलि दे रहे है। उन्होंने हमारे देश का नाम विश्वपटल पर अंकित कर दिया है और विश्व का बच्चा बच्चा उनसे परिचित है।ज़ाकिर जी हमारे बीच से चले गए है लेकिन उनके तबले की थाप इस वायु मंडल मे जीवंत रहेगी।कार्यक्रम के संयोजन मे शैफाली मल्होत्रा, आशुदीप सिंह,अनुराग सेठ,प्रतीक पवार,अलीना,अवनि,अनन्या,देवांश का योगदान रहा।समन्वयक पंकज मल्होत्रा ने कहा कि हम स्पिक मैके एवम स्पर्श संस्था के प्रयासो से युवाओ को भारतीय संस्कृति, कला एवम परंपरा से जोड़ने का प्रयास कर रहे है।
0 टिप्पणियाँ