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अक्षय तृतीया पर्व पर जैन त्यागी भवन में किया गन्ने के रस का वितरण

अक्षय तृतीया पर्व पर जैन त्यागी भवन में किया गन्ने के रस का वितरण 

रिपोर्ट अमन मलिक

रामपुर मनिहारान-सकल दिगम्बर जैन समाज द्वारा कार्यकारिणी समिति के तत्वाधान मे अक्षय तृतीया पर्व पर जैन त्यागी भवन में गन्ने के रस के वितरण का आयोजन किया गया।

जैन धर्म के इतिहास में अक्षय तृतीया का अत्यंत महत्वपूर्ण स्थान है। यह दिन उस दिव्य प्रसंग की स्मृति में मनाया जाता है जब प्रथम तीर्थंकर भगवान ऋषभदेव ने मुनि दीक्षा लेने के बाद छह महीने का कठोर उपवास पूर्ण किया था।छह माह तक बिना अन्न-जल के तपस्या के उपरांत हस्तिनापुर नगरी में भगवान ऋषभदेव को राजा श्रेयांस ने इक्षु रस (गन्ने के रस) के माध्यम से प्रथम आहार प्रदान किया था। यह आहार जैन परंपरा में प्रथम विधिपूर्वक आहार माना जाता है।इस पावन दिन को ही अक्षय तृतीया कहा जाता है, जिसका अर्थ होता है कभी समाप्त न होने वाला पुण्य। जैन समाज द्वारा चलते राहगीरों को गन्ने का रस पिलाया गया।जैन अनुयायी इस दिन विशेष व्रत, उपवास, पूजा-अर्चना और दान करते हैं। दोपहर के समय महिलाओं द्वारा श्री दीप अर्चना के पाठ का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में जैन समाज कार्यकारिणी के अलावा जैन मिलन, महिला जैन मिलन, जैन युवा टीम का सहयोग रहा।

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