भारत "वसुधैव कुटुम्बकम्" के सिद्धांत पर चलता है और विश्व में आध्यात्मिक शांति स्थापित करना चाहता है-डॉ. असलम
रिपोर्ट अमान उल्ला खान
सहारनपुर- "वर्क" संगठन की तरफ से गांधी पार्क में एक आक्रोश सभा का आयोजन किया गया, जिसमें सभी धर्मों के लोगों ने हिस्सा लिया। पहलगाम में हुई साम्प्रदायिक सौहार्द्र को तोड़ने वाली आतंकी घटना की निंदा की गई और मौन व्रत रखकर यह संकल्प लिया गया कि हमें भारत को आध्यात्मिक विश्व गुरु बनाने के लिए कार्य करना है।
प्रसिद्ध बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. स्वर्णजीत सिंह ने कहा कि सभी धर्मों का उद्देश्य शांति और सेवा है। डॉ. असलम ने कहा कि उनकी मुलाकात 1974 में श्री यासिर अराफात से हुई थी, और तभी से उनका यह विश्वास है कि फिलीस्तीनी युद्ध के माध्यम से विजय प्राप्त नहीं कर सकते; इस समस्या का समाधान केवल सहनशील मानसिकता के माध्यम से संभव है। उन्होंने यह भी बताया कि 1972 में भारत सरकार ने पाकिस्तान के अत्याचारों से बांग्लादेश को स्वतंत्र कराया था और बदले में उस पर कब्ज़ा नहीं किया, बल्कि उसे एक स्वतंत्र राष्ट्र बनने में मदद की। भारत "वसुधैव कुटुम्बकम्" के सिद्धांत पर चलता है और विश्व में आध्यात्मिक शांति स्थापित करना चाहता है।कार्यक्रम का संचालन आर्किटेक्ट आदिल फारूक़ ने किया।
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