जीवन का आधार होना आवश्यक, खुद को बड़ा समझना इंसान की भूल- आचार्य संत कंवरपाल ब्रह्मचारी
रिपोर्ट एसडी गौतम
भगवानपुर- अखिल भारतीय संत शिरोमणि सतगुरु रविदास मिशन के तत्वाधान में गांव हबीबपुर निवादा में सतगुरु स्वामी समनदास जी महाराज को साक्षी मानकर छठवां वार्षिक सत्संग का आयोजन किया गया। सत्संग का शुभारंभ सोनिया क्लसानिया द्वारा संत शिरोमणि सतगुरु रविदास जी महाराज सतगुरु स्वामी समनदास जी महाराज के श्रीचरणों में गुरुपूजा अर्पित कर आरती वंदना से किया गया।
मुख्य अतिथि के रूप में गुरु गद्दी ऊन से पधारे आचार्य संत कंवरपाल ब्रह्मचारी जी महाराज ने कहा कि संतो के चरण पड़ने और उनके विचार सुनने से सत्संग होता है क्योंकि बाहरी आवरण को उन्नति तथा अंदर को कल्याण चाहिए जोकि सत्संग से मिलता है। उन्होंने कहा कि बुद्धि के मलीन होने से इंसान को घमंड हो जाता है लेकिन अगर इंसान के अंदर इंसानियत नहीं है तो उसका इंसान होना कोई मायने नहीं रखता है इसलिए खुद को बड़ा समझना इंसान की भूल है क्योंकि जीवन में आधार होना आवश्यक है इसलिए जीवन में गुरुपद स्थिर है। उन्होंने सभी से सतगुरु रविदास जी महाराज सतगुरु स्वामी समनदास जी महाराज के मिशन को गति देकर उनके विचारों पर चलने की बात कहते हुए आगंतुकों के सुखमय जीवन की कामना की। सत्संग में पचेवली आश्रम के प्रबंधक महात्मा मेघराज दास, महात्मा सतीश दास खरखड़ी, महात्मा ब्रिजेश दास व भीम आर्मी नेता बुल्ला शाह ने भी विचार रखते हुए सभी से शिक्षित होने की बात कही। आयोजक इंद्राज सिंह क्लसानिया ने सभी का आभार जताया। कार्यक्रम का संचालन एसडी गौतम पत्रकार ने किया। इस दौरान महात्मा प्रेमदास, महात्मा ओमपाल दास, महात्मा मांगेदास, महात्मा राहुल दास, बलवंत सिंह, शुभम क्लसानिया, रोहताश, चन्द्रभान, विशाल क्लसानिया, अमित मुंगरे, नितराम, राकेश क्लसानिया, राजेंद्र कुमार, बालसिंह, श्रवण दिवान, करण सिंह, मदन सिंह, क्रिनेश क्लसानिया, आंचल क्लसानिया, प्रीति, कमला देवी, स्वाति बिहानिया व रविता बुकडियान समेत आदि सैकड़ों अनुयाई मौजूद रहे।
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