भारत एक ऐसा प्राकृतिक देश है जिसकी प्रकृति ही उसकी संस्कृति है-विपुल बैंसले
रिपोर्ट अमान उल्ला खान
सहारनपुर - कतर देश में भारत के राजदूत विपुल बैंसले ने कहा कि ईश्वर ने जो प्रकृति भारत भूमि को प्रदान की है वह निःसन्देह किसी देश के पास नहीं है। मगर इस ईश्वरीय धरोहर को भौतिकता और आधुनिकता के लोभ में हम स्वयं लुप्त करने पर तुले हुए हैं। जिसे बचाने के लिए माननीय प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी के अभियान "एक पेड़ माँ के नाम" को अनोपचारिक रूप से साकार किए जाने की आवश्यकता है।
आज यहां गिल कालोनी स्थित वरिष्ठ अधिवक्ता अशोक पोसवाल के आवास पर "स्नातक इण्डिया वैलफेयर एसोसिएशन द्वारा आयोजित वृक्षारोपण जागरूकता कार्यक्रम को सम्बोधित करते श्री बैसले ने कहा कि वर्ष 1998 से भारतीय विदेश सेवा में कार्यरत होने के बाद उन्होंने कई देशों का भ्रमण किया है। परन्तु उन्हें यह अहसास हो गया है कि भारत एक ऐसा प्राकृतिक देश है जिसकी प्रकृति ही उसकी संस्कृति है, जिसका संरक्षण स्वयं का सरक्षण है। 'स्वातक इन्डिया' वेलफेयर एसो. के वृक्षारोपण कार्यक्रम के बाद पत्रकारों से वार्ता करते हुए उन्होंने कहा कि आपरेशन सिंदूर के बाद भारत सरकार द्वारा अनेक देशों में भेजे गए सर्वदलीय सांसदों के प्रतिनिधि मन्डलों का विश्व में अच्छा सन्देश गया है। इससे दुनिया को इस बात की जानकारी हुई कि भारत ने 'आपरेशन सिंदूर' आंतकवादियों एवं उनके अड्डों को समाप्त करने के उद्देश्य से किया। इसमें भारत ने अपने लक्ष्य को हासिल किया।पत्रकारों द्वारा पूछे गए सवालों के जवाब में श्री बैसले ने कहा वे गल्फ क्षेत्र के अनेक देशों में कार्य कर चुके हैं। यहां पर लगभग 80 लाख से अधिक भारतीय कार्यरत है। कतर में भी रहने वाले भारतीय मिल-जुल कर रहते हुए अपने त्यौहार मनाते हैं। वहां के सभी भारतीय देश का नागरिक होने पर, गर्व महसूस करते है। इस अवसर पर श्री बैसले ने मां के नाम एक पेड़ लगाकर वृक्षारोपण अभियान को गति दी। कार्यक्रम के दौरान एन्टी करप्शन के अध्यक्ष गौरव गाबा, ने शाल ओढ़ाकर उनका सम्मान किया इस अवसर स्नातक इन्डिया वेलफेयर के संयोजक अशोक पोसवाल एङ, अध्यक्ष अमीर खान एड, वरिष्ठ उपाध्यक्ष मंजर हुसैन काज़मी एड., व्यापार मण्डल के सुरेन्द्र मोहन कालड़ा, आर.एस.एस. के राकेश वीर, आदि गणमान्य लोग मौजूद रहे। कार्यक्रम का संचालन संस्था महासचिव जे. एम. गांधी ने किया
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