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अरबईन-ए-इमाम हुसैन के मौके पर मजलिसों व मातमी जलूस का सिलसिला जारी

अरबईन-ए-इमाम हुसैन के मौके पर मजलिसों व मातमी जलूस का सिलसिला जारी

रिपोर्ट सुहैल खान

गंगोह-‌ अरबईन-ए-इमाम हुसैन के मौके पर मजलिसों और मातमी जलूस का सिलसिला अकीदत व ग़मगीन माहौल में जारी रहा।

लखनौती में हुई छह मजलिसों में विभिन्न आलिम-ए-दीन ने खिताब किया। पहली मजलिस मौलाना हाफ़िज़ मोहम्मद रज़ा रिज़वी, दूसरी मौलाना मिर्ज़ा रज़ा शाह और तीसरी मौलाना रईस अहमद जारची ने पढ़ी।‌ मोहम्मद रज़ा गोपालपुरी ने नौहा-ख़्वानी की। चौथी मजलिस मौलाना जफ़र रिज़वी, पाँचवीं मौलाना सज्जाद रब्बानी और छठी मजलिस मौलाना मिर्ज़ा जावेद रज़ा ने अंजाम दी। 24 सफ़र की सुबह नमाजे फ़ज्र के बाद जुलूस-ए अमारी निकाला गया,‌ जिसमें मिर्ज़ा शुबेब अली, मिर्ज़ा रुशेद अली और अबू समामा ने नौहा-ख़्वानी की। मौलाना मिर्ज़ा जावेद राजा ने जुलूस-ए-अमारी के दौरान खिताब पेश किया। दोपहर में जुलूस-ए-चेहलुम इमामबारगाह मुन्नो बेगम से बरामद होकर मुक़र्रर रास्तों से गुज़रा और मिर्ज़ा बाज़िल हसन नंबरदार चौक पहुँचा। वहाँ सोगवारों ने नौहा-ख़्वानी व मातम कर ग़म-ए-हुसैन को ताज़ा किया। अलविदाई मर्सिया पढ़ने के दौरान सोगवार फ़ूट फ़ूट कर रो पड़े। जुलूस आखि़र में क्षेत्रीय कर्बला शकरपुर पहुँचकर सम्पन्न हुआ।

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