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दशलक्षण महापर्व के दसवें दिन वासुपूज भगवान् के मोक्ष कल्याणक महोत्सव के साथ उत्तम ब्रह्मचर्य धर्म के रूप में मनाया

दशलक्षण महापर्व के दसवें दिन वासुपूज भगवान् के मोक्ष कल्याणक महोत्सव के साथ उत्तम ब्रह्मचर्य धर्म के रूप में मनाया

रिपोर्ट डॉ ताहिर मलिक/अमन मलिक

रामपुर मनिहारान-जैन समाज के दस दिवसीय दशलक्षण महापर्व का दसवां दिन वासुपूज भगवान् के मोक्ष कल्याणक महोत्सव के साथ उत्तम ब्रह्मचर्य धर्म के रूप में मनाया गया।

प्रातः मंदिर में श्री वासुपूज्य भगवान की प्रतिमा को पाण्डुकशिला पर विराजमान कर अभिषेक और शांतिधारा की गई। तत्पश्चात 12 किलो का निर्वाण लाडू चढ़ाया गया। श्री जी की शांतिधारा करने और निर्वाण लाडू चढ़ाने का सौभाग्य श्री सलेक चंद सुधीर कुमार जैन ललित जैन और आदिश जैन शुभम को प्राप्त हुआ।इसके बाद नित्य नियम पूजा, दशलक्षण पर्व पूजा , रत्न्त्रय पूजा ओर तेरह द्वीप विधान का आयोजन किया गया। दोपहर के समय मां जिनवाणी की पालकी यात्रा निकाली गई।यात्रा बैंड बाजों के साथ बड़े जैन से प्रारम्भ होकर विभिन्न मोहल्लों से होते हुए बड़े जैन मंदिर पर जाकर समाप्त हुई। जहां पर श्री जी का 108 कलशों से अभिषेक किया गया। शाम के समय प्रतिक्रमण का आयोजन किया गया।इस दौरान जैन समाज के प्रधान मनोज जैन, महामंत्री निपुण जैन विद्यासागर जैन,शशांक जैन, अतुल जैन, प्रशांत जैन, ललित जैन, विजय जैन,अभिषेक शास्त्री, संजय जैन, सुधीर जैन, राहुल जैन,आकाश जैन, अर्पित जैन, आर्जव जैन, नवीन जैन, ललित जैन, शुभम जैन, पुष्पेन्द्र जैन, वीरेंद्र जैन, वीरेश जैन,नीरज जैन, अमित जैन सहित समाज के सैकड़ों महिला पुरुष मौजूद रहे।

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दशलक्षण महापर्व के दसवें दिन वासुपूज भगवान् के मोक्ष कल्याणक महोत्सव के साथ उत्तम ब्रह्मचर्य धर्म के रूप में मनाया