सत्संग से आता है बदलाव, मोबाइल से दूर होकर बुजुर्गों से अनुभव ले युवापीढ़ी-आचार्य कंवरपाल ब्रह्मचारी
रिपोर्ट एसडी गौतम
जानसठ-अखिल भारतीय संत शिरोमणि सतगुरु रविदास मिशन रजि. गुरु गद्दी ऊन के तत्वाधान में गांव संभलहेड़ा में वार्षिक सत्संग का आयोजन किया गया। जिसका शुभारंभ आरती वंदना से किया गया।
संगत को निहाल करते हुए गुरु गद्दी ऊन के महंत आचार्य कंवरपाल ब्रह्मचारी जी महाराज ने शिक्षा पर प्रकाश डालते हुए कहा कि शिक्षण (सीखना), प्रशिक्षण (व्यवहारिक ज्ञान) परीक्षण (मूल्यांकन) यह पढ़ाई के तीन चरण है और इंसान को प्रेम की चासनी में ज्ञान को डूबाना चाहिए। सत्संग से जीवन में बदलाव आता है क्योंकि संतों के श्रीमुख से शब्दों की चोट लगती है जिससे जीवन उज्ज्वल होता है। उन्होंने मोबाइल के लाभ नुकसान के बारे में बताते हुए बुजुर्गों से अनुभव लेने की बात कहते हुए कहा कि इस संसार में मोह की आग लगी हुई है जो सत्संगरूपी महिमा से शांत हो सकती है। उन्होंने कटु शब्दों पर अंकुश लगाकर प्रेमपूर्वक भाव से विचार करने की बात कही और संतो के चरणों में बैठने से जीवन में बदलाव लाने की बात करते हुए जीवन में आधार या स्टैंड होना आवश्यक बताया है। कार्यक्रम का संचालन कर रहे पत्रकार एसडी गौतम ने सभी से आगामी 27 अक्टूबर 2025 को गुरु गद्दी ऊन जिला शामली में आयोजित होने वाले महान संत समागम को सफल बनाने की बात कहीं। आयोजक कलीराम ठेकेदार, इस दौरान महात्मा प्रेमदास, महात्मा मिंटू दास, महात्मा सतीश दास खरखड़ी, महात्मा महेंद्र दास, नितराम, चंद्रपाल, मांगेराम बर्मन, जसविंद्र, प्रवीण पाल, सतीश कैलाशपुर, डॉ. रमेश, शौकेंद्र रविदासिया, डॉ. नरेंद्र कुमार, राजेश, धर्मवीर, टीटू दास, रामकिशोर, रविकुमार, जॉनी कुमार, अनुज रविदासिया व संतराम समेत सैकड़ों अनुयाई मौजूद रहे।

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