Ticker

6/recent/ticker-posts

सुदीप्तम 2025 – आयुष ग्लोबल कॉन्क्लेव का तृतीय एवं समापन दिवस सम्पन्न

सुदीप्तम 2025 – आयुष ग्लोबल कॉन्क्लेव का तृतीय एवं समापन दिवस सम्पन्न

रिपोर्ट अमान उल्ला खान

सहारनपुर- ग्लोकल यूनिवर्सिटी में आयोजित तीन दिवसीय “सुदीप्तम 2025 – आयुष ग्लोबल कॉन्क्लेव” का तृतीय अंतिम दिवस को अत्यंत गरिमामय वातावरण में सम्पन्न हुआ। दिन की शुरुआत प्रातः शैक्षणिक सत्रों के साथ हुई, जहाँ प्रथम सत्र में डॉ. पी. गौरीशंकर ने “Eugenics – Ayurvedic Concepts of Beejashuddhi and Garbha Sanskara” विषय पर विस्तृत व्याख्यान प्रस्तुत किया। 

उन्होंने गर्भसंस्कार एवं बीज-शुद्धि के आयुर्वेदिक सिद्धांतों को वैज्ञानिक दृष्टिकोण से समझाते हुए बताया कि स्वस्थ एवं गुणवान संतति के लिए पूर्वगर्भ योजना, माता-पिता के आहार-विहार और मानसिक स्थिरता का कितना महत्त्व है। यह सत्र विद्यार्थियों, शिक्षकों एवं शोधार्थियों के लिए अत्यंत ज्ञानवर्धक रहा। इसके बाद द्वितीय सत्र में डॉ. गोपाकुमार एस. ने “Clinical Experiences with Classical Ayurveda” विषय पर अपने दीर्घ अनुभव साझा किए तथा शास्त्रीय आयुर्वेद के सिद्धांतों के आधार पर रोग-निदान और उपचार की व्यावहारिक उपयोगिता पर प्रकाश डाला। उनके नैदानिक अनुभवों ने आयुर्वेद की प्रामाणिकता और प्रभावशीलता को अत्यंत सरलता एवं प्रमाणिकता के साथ प्रस्तुत किया।वैलेडिक्टरी सेरेमनी का शुभारंभ पारंपरिक दीप प्रज्ज्वलन से हुआ, जिसका संचालन सभी सम्मानित अतिथियों द्वारा संयुक्त रूप से किया गया। इसके पश्चात् डिजिटल प्रार्थना हुई और कार्यक्रम का औपचारिक स्वागत डॉ. आरती कमथ सिंह (प्रोफेसर एवं विभागाध्यक्ष, कौमारभृत्य विभाग) ने किया। समारोह के अध्यक्ष प्रो. (डॉ.) जॉन फिनबे, माननीय कुलपति, ग्लोकल यूनिवर्सिटी ने अपने प्रेरणादायी अध्यक्षीय उद्बोधन में आयुर्वेद के आधुनिक युग में बढ़ते महत्व तथा शिक्षा एवं अनुसंधान की आवश्यकताओं पर जोर दिया। तत्पश्चात् प्रो. शिवानी तिवारी, माननीय रजिस्ट्रार, ग्लोकल यूनिवर्सिटी ने अपने मुख्य वक्तव्य में विश्वविद्यालय द्वारा आयुष शिक्षा की उन्नति हेतु किए जा रहे नवाचारों एवं शैक्षणिक पहलों को साझा किया।समापन दिवस के वैलेडिक्टरी स्पीकर एवं मुख्य अतिथि डॉ. गोपाकुमार एस. (प्रोफेसर एवं विभागाध्यक्ष, रोगनिदान; मेडिकल सुपरिन्टेंडेंट, सरकारी आयुर्वेद कॉलेज, परीयाराम, कन्नूर, केरल) ने अपने संदेश में आयुर्वेद की वैश्विक संभावनाओं तथा युवा वैद्यों की भूमिका पर प्रकाश डाला। “आशीर्वचन” सत्र में श्री सैयद निजामुद्दीन (माननीय अतिरिक्त प्रो-चांसलर, ग्लोकल यूनिवर्सिटी) ने उपस्थित सभी प्रतिभागियों को आशीर्वाद दिया और सुदीप्तम 2025 के सफल आयोजन की प्रशंसा की। इसके बाद प्रो. (डॉ.) जॉन फिनबे, प्रो. शिवानी तिवारी और डॉ. आरती कमथ सहित अन्य गणमान्य अतिथियों का औपचारिक सम्मान किया गया।अनुवर्ती सत्र में शैक्षणिक एवं सांस्कृतिक प्रतियोगिताओं के विजेताओं की घोषणा सम्मानित निर्णायक मंडल — डॉ. पूनम एवं डॉ. निथ्या द्वारा की गई। विजेताओं ने अपने अनुभव “फ़ीडबैक सत्र” में साझा किए, जिसमें उन्होंने आयोजन समिति के प्रति आभार व्यक्त किया। अंत में धन्यवाद ज्ञापन डॉ. प्रीतपाल सिंह (PhD Supervisor, ग्लोकल कॉलेज ऑफ आयुर्वेदिक मेडिकल साइंसेज एंड रिसर्च) द्वारा प्रस्तुत किया गया। कार्यक्रम का औपचारिक समापन राष्ट्रगान के साथ हुआ।तीन दिवसीय “सुदीप्तम 2025” ने आयुर्वेद के शैक्षणिक, वैज्ञानिक और नैदानिक आयामों को एक ही मंच पर समाहित करते हुए प्रतिभागियों को समृद्ध, प्रेरणादायी और अनुसंधान-उन्मुख अनुभव प्रदान किया। यह आयोजन आयुष समुदाय के लिए एक ऐतिहासिक कदम साबित हुआ, जिसने ज्ञान, परंपरा और आधुनिकता को अद्भुत समन्वय के साथ प्रस्तुत किया

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ

सहारनपुर पुलिस लाइन में आधुनिक सुविधाओं से परिपूर्ण जिम आदेश कक्ष, बारबर  शॉप लोकार्पण