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जागरूकता और अनुशासित जीवनशैली ही इस वैश्विक बीमारी से बचाव-डा.कलीम

विश्व मधुमेह दिवस पर विशेष: तनावमुक्त कार्यस्थल से करें डायबिटीज पर नियंत्रण

जागरूकता और अनुशासित जीवनशैली ही इस वैश्विक बीमारी से बचाव-डा.कलीम

रिपोर्ट अमान उल्ला खान

सहारनपुर-नोबेल पुरस्कार विजेता सर फ्रेडरिक बैटिंग की स्मृति 14 नम्बर को विश्व मधुमेह दिवस मनाया जाता है। सर बैटिंग ने वर्ष 1922में इंसुलिन की खोज की थी, जिसने लाखों मधुमेह रोगियों को नई जिंदगी दी।इस वर्ष विश्व मधुमेह दिवस की थीम मधुमेह और कार्यस्थलरखी गई है। इसका उद्देश्य लोगों को यह जागरूक करना है कि कार्यस्थल का वातावरण तनावमुक्त और स्वस्थ रहे, जिससे मधुमेह पर नियंत्रण पाया जा सके।

डा.कलीम अहमद ने  कहा कि वर्तमान समय में विश्व स्तर पर मधुमेह की स्थिति पूरी दुनिया में सबसे अधिक डायबिटीज के मरीज चीन में हैं, जहां लगभग 15 करोड़ लोग इस बीमारी से पीड़ित हैं। भारत में करीब 10 करोड़ मधुमेह रोगी हैं, जो देश की लगभग 10.5 प्रतिषत आबादी का हिस्सा हैं।डा.कलीम अहमद ने  डायबिटीज के दुष्प्रभाव की स्थिति पर कहा कि  डायबिटीज का असर शरीर के लगभग सभी अंगों पर पड़ता है, लेकिन इसका सबसे अधिक प्रभाव किडनी, आंख, हृदय, दिमाग और नसों पर होता है। यदि शुगर स्तर नियंत्रित न रहे तो किडनी फेल होना, दृष्टि कमजोर होना और नसों की कार्यक्षमता घट जाना जैसी गंभीर समस्याएं हो सकती हैं।उन्होने कहा कि  डायबिटीज से बचाव के लिए रोजाना नियमित व्यायाम करे, तनावमुक्त रहे, प्रतिदिन 6-8 घंटे की नींद लें, संतुलित भोजन करें तथा मधुमेह के मरीजों के लिए सेब, संतरा, नाशपाती, पपीता, कीवी, दलिया, बाजरा, ब्राउन राइस, चना, राजमा, सोयाबीन, मछली, चिकन, बादाम और अखरोट का सेवन लाभदायक माना जाता है। वहीं, ज्यादा वसायुक्त भोजन, शराब और धूम्रपान से बचना चाहिए। डा.कलीम अहमद ने कहा कि मधुमेह नियंत्रण के लिए जीवनशैली में छोटे-छोटे बदलाव बहुत मददगार साबित हो सकते हैं। जागरूकता और अनुशासित जीवनशैली ही इस वैश्विक बीमारी से बचाव का सबसे प्रभावी उपाय है।

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