सरकार चाहे तो यूपीस मे भी बदलाव करके दे सकती है पुरानी पेंशन-चौधरी रविंद्र पँवार
ओपीएस बहाली तक संघर्ष जारी रखेंगे-अनिल बावरे
जनांदोलन के माध्यम से प्रदेश के शिक्षको और कर्मचारियों को जोड़ेगे-आनंद त्यागी
सामाजिक स्मरता एवं बुढ़ापे का सहारा है पुरानी पेंशन-राजेश कुमार
रिपोर्ट अमान उल्ला खान
सहारनपुर- ऑल इंडिया एनपीएस एम्प्लाइज फेडरेशन के पदाधिकारियों द्वारा दिल्ली रोड स्थित गुर्जर भवन मे जानकारी देते हुये बताया की पेंशन जयघोष संगोष्ठी का आयोजन आगामी 21 मई को लोक निर्माण विभाग के एकता सदन डिप्लोमा इंजिनियर्स संघ भवन मे आयोजित किया जायेगा जिसमे मुख्य अतिथि राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ मंजीत सिंह पटेल एवं विशिष्ट अतिथि अंकुर त्रिपाठी विमुक्त पहुचेगे।
जिलाध्यक्ष राजेश कुमार ने बताया की ऑल इंडिया एनपीएस एम्पलाइज फेडरेशन कि जब तक कर्मचारी अंशदान की ब्याज सहित पूर्ण वापसी की व्यवस्था नहीं की जाएगी तब तक आंदोलन जारी रहेगा। हमारी मांग सरकार से गई सरकार यदि चाहे तो आज ही पुरानी पेंशन में उपलब्ध सभी लाभ कर्मचारी को दे सकती है। सरकार तक अपनी बात पहुंचाने हेतु नेशनल मिशन फॉर ओल्ड पेंशन स्कीम भारत के बैनर तले आगामी अक्टूबर में दिल्ली में पुरानी पेंशन बहाली हेतु एक विशाल रैली की जाएगी और उसके लिए भारत के कोने कोने से कर्मचारियों से समर्थन अभियान चलाए जाएंगे।अनिल बावरे महामंत्री विशिष्ट बी. टी. सी. वेलफेयर एसोसिएशन ने बताया कि पुरानी पेंशन बहाली के साथ साथ यदि शिक्षिको के शोषण की सूचना प्राप्त होती तो संगठन सदैव पीड़ितों के साथ खड़ा मिलेगा हम भ्रष्टाचार मुक्त परिवेश के पक्षधर है। प्रदेश प्रभारी तरुण भोला ने बताया की कर्मचारियों को एश्योर्ड पेंशन देने के नाम पर यूपीएस एक तरह से बुढ़ापे पर आर्थिक और सामाजिक धोखाधड़ी साबित होगी। अगर आप कम से कम 30 वर्ष की नौकरी पर यूपीएस के इंडिविजुअल कॉरपस से (40%+लंपसम) यानी अपना हिस्सा ब्याज सहित निकाल लेते हैं तो पेंशन के लिए आपकी बेसिक सेलरी, अंतिम औसत बेसिक का 50% से घटकर महज 30% रह जाएगी और पेंशनर की मौत होने पर फैमिली पेंशन के लिए यह बेसिक घटकर महज 18% ही रह जाएगी। हालांकि इस बेसिक पर महंगाई राहत यानी डीआर तो मिलेगा लेकिन इस पर न तो कभी वेतनमान आयोग लागू होने की संभावना है और न ही डीआर के बेसिक में मर्ज होने की संभावना है। इस तरह एनपीएस की जगह यूपीएस से एश्योर्ड पेंशन लेने के लिए केवल उन्हीं के लिए मुफीद हो सकती है जो कम से कम 30 वर्ष की नौकरी में रिटायरमेंट के बाद 12 वर्ष तक जीवित रहें।कार्यक्रम मे धर्मेंद्र प्रधान, चौधरी रविंद्र पवार, सौरभ गौतम, आनंद त्यागी, रुपेश कुमार, सौरभ गौतम, प्रदीप सैनी, योगेंद्र कुमार प्रमुख पदाधिकारियों ने प्रतिभाग किया।
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