बंदरों का आतंक,बंदरों के हमले में एक महिला व एक मासूम बच्चा घायल
रिपोर्ट -डॉ0 ताहिर मलिक
नगर के मौहल्ला कायस्थान,दिल्ली रोड,मौहल्ला सराय आदि में बंदरों की संख्या और आतंक लगातार बढ़ता जा रहा है।बंदर इतने दुस्साहसी हो चुके हैं कि अब उन्हें डराने की कोशिश करने वालों पर उल्टे हमला कर देते हैं।मौहल्ला सराय निवासी ख़लील अहमद का तीन वर्षीय मासूम पुत्र हमज़ा बंदरों के गुर्राने से डरकर गिरकर घायल हो गया।जिसे सहारनपुर निजी हॉस्पिटल में भर्ती कराना पड़ा।वहीं मौहल्ला सराय की ही शमीम अहमद की पत्नि भी बंदरों के ख़ौफ़ से घायल हो गई।दिन हो या रात बंदरों के झुंड किसी भी समय आ धमकते हैं और कहीं से भी खाने पीने की चीज़ें उठा लेते हैं।यदि कोई बंदरों को डराने की कोशिश करता है तो बंदर डरने की बजाए हमला कर देते हैं।कुछ दिन पहले मौहल्ला महल निवासी वरिष्ठ समाजसेवी असलम मलिक के घर में भी दर्जनों बंदर घुस आए थे जिनसे बचने के लिए परिवार के लोगों को दरवाज़े बन्द करने पड़े थे।बंदरों के आतंक से मुक्ति मिलने का कोई रास्ता नज़र नहीं आ रहा है।यह समस्या पिछले कई वर्षों से है।पूर्व में अधिशासी अधिकारी रामचन्द्र मौर्य ने बंदरों को पकड़वाया था जिससे कुछ समय के लिए बंदरों से राहत मिली थी लेकिन फिर बंदरों के झुंड आ गए हैं।मौहल्ले वासियों ने बंदरों से निजात दिलाए जाने की माँग की है।
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