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त्याग ही आत्मा को मोक्ष की ओर ले जाने वाला मार्ग है- नीलम जैन

त्याग ही आत्मा को मोक्ष की ओर ले जाने वाला मार्ग है- नीलम जैन

रिपोर्ट नदीम निजामी

नकुड़-श्री आदिनाथ दिगंबर जैन मंदिर एवं चंद्रप्रभु चैताल्य में चल रहे पर्युषण महापर्व का आठवां दिन उत्तम त्याग धर्म के नाम रहा। 

कार्यक्रम में पारसनाथ भगवान की आराधना और नेमीनाथ भगवान के अतिशयकारी जिनबिंब पर अभिषेक एवं शांति धारा के साथ श्रावक श्राविकाओं ने मानवता के कल्याण की कामना की। इस अवसर पर इंद्र इंद्राणियों के रूप में केसरिया परिधान धारण किए श्रद्धालुओं ने देवशास्त्र और रत्नत्रय पूजा कर त्याग धर्म की भक्ति में अपनी आस्था प्रकट की। धर्मसभा को संबोधित करते हुए नीलम जैन, सरिता जैन, अनिता जैन और निशा जैन ने कहा कि त्याग धर्म का वास्तविक स्वरूप अपनी इच्छाओं पर नियंत्रण, बुरे कर्मों का नाश और जीवन को संतोष एवं गुणों से समृद्ध करना है। त्याग ही आत्मा को मोक्ष की ओर ले जाने वाला मार्ग है। विगत रात्रि महिला जैन मिलन द्वारा आयोजित खुल जा मोक्ष का द्वार प्रतियोगिता ने श्रद्धालुओं को विशेष आकर्षित किया। प्रतियोगिता में बारह भावना, केवलज्ञान, सिद्ध क्षेत्र, गतियां और सुमेरु पर्वत जैसे गूढ़ विषयों से जुड़े प्रश्नों के सटीक उत्तर देकर प्रतिभागियों ने अपने गहन धार्मिक ज्ञान का परिचय दिया। कार्यक्रम का संचालन निशा जैन, सरिता जैन, बीना जैन और अंजली जैन ने किया। जैन मिलन के महामंत्री पंकज जैन एवं राजेश जैन ‘राजू’ ने बताया कि शुक्रवार रात्रि जैन अतिथि भवन में सांस्कृतिक कार्यक्रमों के तहत लघु नाटिका, रात्रि भोजन त्याग, जियो और जीने दो का संदेश तथा जैन धर्म की महिमा का मंचन किया जाएगा। समारोह की सफलता में जैन मिलन, महिला जैन मिलन और समूचे जैन समाज का उल्लेखनीय सहयोग रहा, जिसने पूरे वातावरण को भक्ति, त्याग और आध्यात्मिक उल्लास से सराबोर कर दिया।

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